मालदीव दुनिया भर के पर्यटकों के लिए बेस्ट हनीमून डेस्टिनेशन बना हुआ है. यहां हर साल 15 लाख ऊपर पर्यटक घूमने आते हैं, लेकिन इजराइल के लिए इस देश के दरवाजे बंद हो चुके हैं. मालदीव ने मंगलवार को इजराइली पर्यटकों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की और फिलिस्तीनी मुद्दे के साथ अपनी ‘दृढ़ एकजुटता’ को दोहराया.

राष्ट्रपति मोहम्मद मुइजू के ऑफिस के बयान में कहा गया है कि मुइजू ने मालदीव इमिग्रेशन एक्ट में तीसरे संशोधन को मंजूरी दे दी है, जिसे 15 अप्रैल 2025 को संसद ने पास किया था. बयान में आगे कहा गया कि यह कदम इजराइल की ओर से फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ किए जा रहे अत्याचारों और नरसंहार के जवाब में सरकार के ‘दृढ़ रुख’ को दर्शाता है.

चीन से आए सबसे ज्यादा टूरिस्ट
इजराइल मालदीव में पर्यटकों को भेजने वाले शीर्ष दस देशों में से एक नहीं है, मालदीव के पर्यटन विभाग के मुताबिक इस साल 14 अप्रैल 2025 तक 729,932 पर्यटक मालदीव आए. उनमें से लगभग 70 फीसद द्वीप रिसॉर्ट्स में रुके. यहां चीन से जबसे ज्यादा 11 फीसद पर्यटकों आए और भारत 5 फीसद भारत से, जो कि छठे स्थान पर है. इजराइली पर्यटकों पर बैन के बाद मालदीव की अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर पड़ने वाला नहीं है, क्योंकि यहां इजराइल के पर्यटक पहले से ही कम तादाद में आते हैं.

मालदीव में हुए प्रदर्शन
मालदीव की सरकार द्वारा ये कदम मालदीव में हुए फिलिस्तीन समर्थन में प्रदर्शनों के बाद लिया गया है. देश की सड़कों पर इजराइल हमलों के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं और मालदीव के लोग लंबे समय सरकार से इजराइल के बायकॉट की मांग कर रहे हैं.