आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (एसीबी) द्वारा जिले में भ्रष्टाचार के विरुद्ध की जा रही लगातार कार्यवाईयों की कड़ी में सोमवार को एक और बड़ी कार्रवाई की गई। बीएमओ कार्यालय मुंगेली में पदस्थ अकाउंटेंट बृजेश सोनवानी को 54 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। यह कार्रवाई तखतपुर के रियांश होटल के पास स्थित एक ढाबे में की गई, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया।

सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मी से मांगी थी रिश्वत

ग्राम फंदवानी निवासी ललित सोनवानी, जो 30 जून को स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुआ है, ने 5 जुलाई को एसीबी बिलासपुर में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि ग्रेच्युटी व अन्य देयकों के भुगतान के लिए जब वह बीएमओ कार्यालय पहुंचा, तो अकाउंटेंट बृजेश सोनवानी ने 61 हजार रुपए की रिश्वत मांगी।

सत्यापन के दौरान लिया था 7 हजार: शिकायत की जांच के दौरान एसीबी ने राशि का सत्यापन कराया, जिसमें आरोपी ने पहली किश्त के रूप में 7 हजार रुपए ले लिए। शिकायत सही पाए जाने पर टीम ने ट्रैप योजना बनाई।

धारा 7 के तहत मामला दर्ज: ब्यूरो ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत कार्रवाई की है। पूछताछ के बाद आरोपी को न्यायालय में पेश किया जाएगा।

भाजपा नेता का बेटा है आरोपी: सूत्रों के अनुसार, गिरतार अकाउंटेंट बृजेश सोनवानी स्थानीय भाजपा नेता और जिला पंचायत सदस्य का पुत्र है, जिससे यह मामला और भी चर्चाओं में आ गया है।

7 माह में 6वीं कार्रवाई: मुंगेली में यह एसीबी की 7 माह में छठवीं कार्यवाही है। इससे पहले शिक्षा, राजस्व, पुलिस और बिजली विभागों के कई अधिकारी-कर्मचारी ट्रैप में फंस चुके हैं। इनमें प्राचार्य मालिक राम मेहर, बाबू हनी शर्मा, राजस्व निरीक्षक नरेश साहू, पटवारी सुशील जायसवाल, एएसआई राजा राम साहू, पटवारी उत्तम कुर्रे और सीएसपीडीसीएल के सब इंजीनियर कृष्ण कुमार गुप्ता शामिल हैं।

एसीबी ने दिए सख्त संकेत

एसीबी अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह अभियान लगातार जारी रहेगा और किसी भी दोषी को बशा नहीं जाएगा।

ढाबे में पकड़ाया

8 जुलाई को फरियादी को शेष 54 हजार रुपये देने भेजा गया। जैसे ही आरोपी ने राशि ली एसीबी टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से रिश्वत की पूरी राशि बरामद कर ली गई है।